Tuesday, August 4, 2009

ghazal aasmaan ke saath/Aadil Rasheed

2 comments:

Aadil Rasheed said...

thanks

Rajeev Bharol said...

आदिल जी,
बहुत ही उम्दा गज़ल.

"दरिया बहने लगा खतरे की निशान के साथ.." वाला शेर और और दोनों मतले बहुत अच्छे लगे.

मकता भी बहुत अच्छा लगा.. "वो चीथड़ों में भी रहता है आन बान के साथ.." क्या बात है.